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कोलारस उपज मंडी व्यापारियों के कब्जे में, खरीद के बाद कई दिनों तक नहीं उठता गल्ला, आंधी बारिश में हो सकता है किसान की उपज का नुकसान।

कोलारस उपज मंडी व्यापारियों के कब्जे में, खरीद के बाद कई दिनों तक नहीं उठता गल्ला, आंधी बारिश में हो सकता है किसान की उपज का नुकसान।

*"चर्चित की चर्चा"* 
ये है कोलारस उपज मंडी...
यहां भी शिवपुरी मंडी की तरह अनियमिततायें तो हैं पर भयंकर चोरी नहीं है कारण....
 *सब पर भारी एक सवाल..??* 
 *मंडी का बड़ा बाबू .....सवाल..।।* 

शिवपुरी जिले की  कोलारस मंडी में हमने देखा कि मंडी प्रांगण में जो उपज व्यापारी द्वारा खरीदी जाती है, वह ख़रीद पर वहीं टीन शेड में छोड़ दी जाती है, फिर यहीं से धीरे-धीरे ख़रीद और बेच की प्रक्रिया चलती रहती है। जबकि नियम यह कहता हैकि किसी भी व्यापारी द्वारा माल खरीदने के पश्चात एक दिन या फिर शुक्रवार को बोली लगती है तब शनि और रवि छुट्टी होने पर तीन दिन यानि सोमवार तक फसल उठ जानी चाहिए। मगर ऐसा हो नहीं रहा है व्यापारियों द्वारा अपनी मनमर्जी से खरीदी फसल को गाड़ी लोडकर मंडी से ही अन्य जिलों और राज्यों में भेजा जाता है,जबकि कोलारस का गल्ला व्यापारी शिवपुरी जिले का सबसे बडा व्यापारी है, जिसके स्वयं के निजी बड़े गोदाम भी हैं।बाबजूद इसके इन टीनशैडो को अपने कब्जे में लिए हुए हैं, जो नियम विरूद्ध तो है ही साथ में *ऐसा करने वाले व्यापरी पर मंडी समिति द्वारा जुर्माना भी अधिरोपित किया जाता है जोकि 10 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लगाया जाना चाहिए,पर लगाया नहीं जा रहा है । *कारण कोलारस मंडी में कुल 12 से 15 व्यापारी हैं जिनमें से 4 या 5 बड़े व्यापारी हैं* जिनकी प्रत्येक की तीन से चार फर्म हैं जिनसे यह खरीदने और बेचने का कार्य करते हैं l अब चूंकि बड़े व्यापारी हैं तो पकड़ भी बड़ी है !यही कारण है कि इन पर आसानी से कोई कार्यवाई नहीं होती। जब इस मामले को लेकर हमने मंडी सचिव आर पी सिंह से बात की तो उनका कहना था कि, व्यापारियों के पास किसान लगातार फ़सल बेचने आते रहते हैं,तो माल आता जाता बना रहता है पर यह नहीं बता पाए कि संबंधित व्यापारी जो चार-चार फर्में चला रहे हैं,क्या कभी मंडी के शेड खाली करते हैं?
वहीं जब भारसाधक (एसडीएम) ब्रजेंद्र यादव से बात की तो उन्होंने इस जानकारी से अपने आप को अनभिज्ञ होना बताते हुऐ उचित कार्रवाई एवम जुर्माना अधिरोपण की बात भी कही। अब देखना यह हैकि होता क्या है?? जुर्माना अधिरोपण कर माल हटवा कर शेड खाली कराए जाते हैं? या फिर स्टेटमेंट देकर आंखे बंद कर ली जाती है। 
 *लेखक;-वीरेन्द्र"चर्चित"* 
 *Mob.9977887813*

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