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मध्य प्रदेश शासन के आदेश को खूंटी पर टांग कर पूरे दिन गायब रहा नगरपालिका का अकाउंटेंट..।

मध्य प्रदेश शासन के आदेश को खूंटी पर टांग कर पूरे दिन गायब रहा नगरपालिका का अकाउंटेंट..।


मध्य प्रदेश शासन के आदेश को खूंटी पर टांग कर पूरे दिन गायब रहा नगरपालिका का अकाउंटेंट..।

ज्ञान का भंडार होते हुए भी ज्ञान का अजीर्ण है एकाउंटेंट को।

चर्चित समाचार शिवपुरी। दरअसल हाल ही में मध्य प्रदेश शासन के अपर सचिव और शिवपुरी के पूर्व कलेक्टर श्री अक्षय सिंह द्वारा एक आदेश पारित किया गया था जिसमें यह सपष्ट आलेख था कि कार्यालय के अधीन कर्मचारियों और अधिकारियों को निर्धारित कार्यलीन समय से पहले आकर प्रातः 10 बजे से शाम 6 बजे से आवश्यक रूप से उपस्थित रहना ही है।साथ ही इस आदेश के परिपालन में अपने अधीनस्थ को भी सूचित करना है।
ऐसा न किए जानें की स्तिथि में जिम्मेदार द्धारा उक्त कर्मचारी और अधिकारी पर उनसे वरिष्ठ अधिकारी द्धारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मध्य प्रदेश के ज्यादातर विभागों में कर्मचारी और अधिकारी बिना सूचना के रहते है गायब।

यहां बताना उचित होगा कि मधयप्रदेश शासन को समाचार के माध्यम एवम उनके गोपनीय सूत्रों से यह जानकारी प्राप्त हो रही थी कि, कर्मचारी और अधिकारी अपने कार्यालयों में निर्धारित समय पर अधिकांशतः गायब रहते हैं। जिस वजह से आम जनता एवम हितग्राही को न सिर्फ़ परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि कहीं- कहीं पर तो यह भी देखने में आया है कि हितग्राही को न्यायप्रक्रिया में विलम्ब होने से जब तक न्याय मिलता है,तब तक कभी समय निकल चुका होता है। जिस कारण उस न्याय का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। अतः इस व्यवस्था में सुधार हेतु मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा इस तरह अच्छी पहल हो सकती है।

अकाउंटेंट को नहीं किसी की परवाह।
नगरपालिका शिवपुरी के अकाउंटेंट राघवेन्द्र श्रीवास्तव  अपनी सीट से ज्यादातर गायब रहते हैं। उनकी कार्यालयों के कार्यों में रुचि न होते हुए, गृह कार्योँ में ज्यादा व्यस्तताएं रहती हैं। ठेकेदारों द्धारा अकाउंटेंट की अनुपस्थिति के कारण कई बार बिल बाउचर पर साइन न हो पाने की शिकायत सीएमओ शिवपुरी केशव सगर को दी गई हैं। पर इन सब के बाबजूद भी अकाउंटेंट राघवेन्द्र श्रीवास्तव के पास रोजाना नित नए बहाने होते हैं, जिस कारण वार्डों में विकास कार्य रुका रहता है।
हमने समझा कि कितना हो रहा है इंप्लीमेंट।
इस आदेश के परिपालन को समझने के लिए हमारे द्वारा शुक्रवार 28/06/24 को ऑफिस में जाकर कर्मचारियों एवम अधिकारियों की जानकारी प्राप्त की,तो फील्ड स्टॉफ को छोड़कर लगभग सभी नगरपालिका में मौजूद मिले। वहीं एकाउंटेंट राघवेन्द्र श्री वास्तव नदारद मिले। हमारे द्वारा पूछे जानें पर की ड्यूटी टाइम पर साहब कहां है..? तो अकाउंटेंट के पास विधानसभा की जानकारी संकलन करने का बहाना था,जो हमको मोबाइल फ़ोन के माध्यम से बताया गया। इस सारे बहाने में तुर्रा यह था कि, उनको ऑफिस में बैठकर विधानसभा की जानकारी बनाने में दिक्कत आती है,अतः अपने घर पर एसी की हवा में जानकारी बनाई जा रही है। पूछने पर क्या आज आप ऑफिस आए..? तो उनका बड़ा साफ़ कहना था कि,मै दस बजे ऑफिस गया था, वहां हाज़िरी रजिस्टर में अपनी उपस्तिथि दर्ज़ करने के पश्चात सीधे घर आ गया,जहां पर वह बिना किसी रोक-टोक के विधानसभा की जानकारी बना रहे हैं।

 उनके ऑफिस बॉय की कहानी कुछ और ही नज़र आई।

 उसके अनुसार साहब विधानसभा की जानकारी संकलन में लगे हैं,तो बराबर आना जाना लगा है।  फिलहाल जानकारी के संबंध में बैंक गए हुऐ हैं।
यहां बताना लाज़िमी होगा कि,दोनों की बातों विरोधाभास है। साहब कह रहे हैं कि, मैं हाजिरी लगाकर सीधा घर आ गया, जबकि लड़के को बराबर आते जाते दिख रहे हैं। अब या तो लड़का झूठ बोल रहा है ! या साहब के डुप्लीकेट मौजूद हैं! जो समय-समय ऑफिस में आते जाते रहते हैं।

सीएमओ भी थे हैरान, कहा अनुपस्थिति लगेगी।

सीएमओ शिवपुरी से इस मामले पर जब बातचीत की,तो उनका बड़ा हैरानी पूर्वक जवाब था कि, एक दिन हो,दो दिन हो, ज्यादा से ज्यादा तीन दिन हो,जानकारी के लिए काफ़ी है। पर यहां तो हालात इतने गम्भीर हैंकि,कुछ कहा ही नहीं जा सकता है। चूंकि हमारे पास एकाउंटेंट है,नहीं और जो हैं वो प्रभार लेना नहीं चाह रहे, इसीलिए दिक्कत आ रही है।पर अब आचार संहिता भी खत्म हो गई है,और नगरपालिका भी स्मूथ फ्लो में काम करेगी । रही बात एकाउंटेंट की तो पिछले छः माह से लोगों की शिकायत आ रही है,जो बर्दाश्त के बाहर है, जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।

सुबह तो दिखे थे उसके बाद नहीं मिले..।

वहीं कार्यालय अधीक्षक सुषमा श्रीवास्तव का इस मामले पर साफ़ कहना था कि अकाउंटेंट राघवेन्द्र श्रीवास्तव सुबह 10 बजे तो ऑफिस में आए थे, हाज़िरी लगाने के बाद नज़र नहीं आए । न अपने ऑफिस में थे और न नगरपालिका प्रांगण में नज़र आए। इसकी जानकारी मेरे द्वारा सीएमओ साहब को दे दी गई है।

गायत्री शर्मा का इस मामले पर था दे टूक जबाब।

वहीं इस मामले को सुनकर नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा का साफ़- साफ़ शब्दों में कहना था कि, मेरे कार्यकाल में कोई भी दोषी हो बख्शा नहीं जाएगा, चाहे फिर मैं ही क्यूं न हूं।
सोमवार तक इस बीमारी का ईलाज हो जायेगा।

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