35000 ले आओ और गाड़ी छुड़ा ले जाओ..🚚🚛 रेत मामले में करैरा थाने पर लगे पैसों के लेनदेन के आरोप...💸💸
35000 लाओ और गाड़ी छुड़ा ले जाओ.. नहीं तो गाडी जाएगी नम्बर 2 में..
*रेत मामले में करैरा थाने पर लगे लेनदेन के आरोप..**
चर्चित समाचार एजेंसी।
//शिवपुरी 22- 10- 2024//
शिवपुरी जिले की खनिज शाखा में कल एक फरियादी जो अमोलपटा निवास करता है तथा जिसकी रेत परिवहन के लिए डंपर चलते हैं उक्त फरियादी द्वारा खनिज शाखा में आकर यह बात मीडिया के समक्ष कहीं कि मेरे पास लीगल रॉयल्टी है ईएसटीपी भी कटा हुआ है सारे डॉक्यूमेंट है अंडर लोड वाहन है जिसमें रेत भरी हुई है सब कुछ होने के बावजूद मेरी गाड़ी को करैरा थाने के स्टॉफ ने रोककर वाहन थाने में खड़ा कर लिया है। मेरे लाख कहने पर भी गाड़ी को छोड़ा नहीं जा रहा है।जब पूछा कि आखिर कारण क्या है तो जवाब आया कि तुम्हारे जो डॉक्यूमेंट है उनके बारे में हमें जानकारी नहीं हैं वह सही हैं या फर्जी हैं। हां अगर 35000 रुपए दे दोगे तो सारे कागजात सही मानकर छोड़ देंगे नहीं गाड़ी हो जाएगी दो नम्बर में जप्त।
*कागज भी सही वाहन भी अंडरलोड फिर भी पकड़ी गाड़ी समझ से परे।*
यहां आपको बता दें की झांसी से एक रेत का डंपर बाया करैरा होते हुए अपने नियत स्थान पर जा रहा था जिसे करैरा थाने के स्टॉफ ने रोक लिया एवं उससे रॉयल्टी और परिवहन संबंधी अन्य कागज मांगे जिस पर वाहन चालक ने वाहन के मालिक माखन प्रजापति को फोन पर सारी स्तिथि बताई। सम्बन्धित गाड़ी के सभी कागज जैसे रॉयल्टी, ईएसटीपी और बिल वाउचर लगे हुए थे। सभी दस्तावेज थाना प्रभारी को दिखाया गए जिसपर थाने के स्टाफ ने सबंधित कागजों की पुष्टि की बात खनिज विभाग द्वारा की जाने की बात कहकर फरियादी को थाने से चलता कर दिया। बकौल माखन प्रजापति, पुलिस ने कि हम इन मामलों में कुछ नहीं जानते हैं आप माइनिंग विभाग से सर्टिफाइड करा कर लाओ जब कहा कि यह कागज सही है आप चाहे तो फ़ोन और व्हाट्सएप के माध्यम से पता कर सकते हैं तब करैरा थाने के स्टाफ ने गुपचुप में वाहन मालिक से कहा कि आप ₹35000 ले आओ तो हम तुम्हारे डंपर को छोड़ देंगे वरना आपको इसे सर्टिफाइड कराकर लाना पड़ेगा। इस बात को लेकर जब माखन प्रजापति खनिज निरीक्षक से मिले तो उनको प्रथम दृष्ट्या यह कागज सही दिखे पर डम्पर को इस तरह थाने पर रोकना समझ से परे हैं। साथ ही खनिज निरीक्षक सोनू श्रीवास ने कहा कि हमारे विभाग से जो जानकारी करैरा थाने द्वारा मांगी गई है उसके लिए लिखित कोई पत्र भी नहीं दिया गया है अब हम किस आधार पर इनको सर्टिफाइड करके दें। अब जब तक खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा जी नहीं आ जाते तब तक इन कागजों को लेकर के कोई भी टीप नहीं लगाई जा सकती है।
*यह कहा माइनिंग अधिकारी ने...*
मैं आज हाईकोर्ट में पेशी पर आया हूं अतः मुझे इस तरह के मामले की कोई भी जानकारी नहीं है कल सुबह मैं ऑफिस पहुंचकर मामले को समझूंगा उसके बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है।
*करैरा थाना प्रभारी ने भी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी*
इस मामले की जानकारी जब हमने करैरा थाना प्रभारी विनोद छावई से लेना चाही तो उनके द्वारा बड़े ही साफ शब्दों में कहा गया कि यह बात सही है कि हमारे थाने अंतर्गत क्षेत्र से यह डंपर जा रहा था जिसमें रेत भरी थी प्रथम दृष्टया हमारे द्वारा रॉयल्टी के कागज मांगे गए जिसमें जिसमें उन्होंने कुछ कागजात दिखाएं पर हमें दिखाए गए कागजों पर कुछ शंका है। इस शंका को दूर करने के लिए हमने संबंधित विभाग को चिट्ठी लिख दी है जल्द ही वह अपनी जानकारी चिट्ठी के माध्यम से देंगे तत्पश्चात उचित कार्रवाई की जाएगी।
रही बात रिश्वत मांगने की तो पुलिस के साथ यह बड़ी विडंबना है कि अगर पुलिस काम ईमानदारी से भी करें तो भी फरियादी हो या आरोपी, जो भी नाखुश होता है वह पुलिस पर आरोप लगाने से नहीं चूकता ।हमारे थाने के स्टाफ द्वारा ऐसा कतई नहीं किया गया है इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं।
एक टिप्पणी भेजें