इधर एसडीएम ने मंडी कर्मचारी के कार्यस्थल पर न मिलने पर की थी वेतन कटौती की कार्रवाई.. उधर मंडी सचिव ने कहा मामले को बिना समझे वाह वाही पाने लिया फैसला* ।
*मामला मंडी प्रांगण में कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण देर से तौल होने का..*
*एसडीएम शिवपुरी ने व्यापारियों की शिकायत पर मंडी सचिव सहित 11 कर्मचारियों के वेतन राजसात हेतु की थी कार्रवाई..*
चर्चित समाचार एजेंसी।
।।शिवपुरी 18 अक्टूबर 2024।। 16 अक्टूबर को पिपरसमा मंडी शिवपुरी से कुछ व्यापारियों की शिकायत मिल रही थी कि, मंडी में फसल सुबह से ही तोल के लिए लगी हुई है, सारे व्यापारी तौल करके फसल खरीदने को तैयार हैं ,लेकिन दिन के 12:00 बजने को हो रहे हैं अभी तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों का पता नहीं चल पा रहा है, यही कारण है कि मुख्य रूप से उपज के तौल का जो समय मंडी पिपरसमां मंडी शिवपुरी द्वारा दिया गया है नियत समय पर तौल नहीं हो पा रही है।यह खबर शिवपुरी के मंडी प्रांगण में व्यापारियों द्वारा शिवपुरी के एसडीएम एवं मंडी के भार साधक अधिकारी उमेश कौरव को दी गई। जिस पर एसडीएम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत ही अपनी टीम के साथ पिपरसमां मंडी शिवपुरी के लिए रवानगी की डाल दी। जब वहां जाकर मंडी के हालात देखें तो उनसे रहा नहीं गया। भार साधक अधिकारी ने जैसे ही मंडी प्रांगण में कदम रखा तो देखा कि व्यापारियों एवं फसल बेचने वाले कृषकों की भीड़ लगी हुई है। लेकिन वहां पर कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं है। ना ही तो किसी कर्मचारी ने लाइन लगाने के लिए बोला है और ना ही किसी के द्वारा तौल के लिए कोई व्यवस्था की गई है। यहां तक कि जब एसडीएम शिवपुरी ने मंडी प्रांगण की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पाया की मंडी में किसानों के लिए ना तो शुद्ध पेयजल की प्रॉपर व्यवस्था है और ना ही शौचालय व्यवस्थित रूप से चालू है। यहां तक की मंडी प्रांगण की कई बिल्डिंग में तो व्यापारियों के बारदाने से भरे हुए हैं। जिसे देखकर भार साधक अधिकारी भड़क गए। मंडी सचिव देवेंद्र सिंह जादौन को तलब किया तो पता चला कि वह भी मंडी प्रांगण में मौजूद नहीं है मामले की गंभीरता को समझते हुए भार साधक अधिकारी उमेश कुमार कौरव ने एक प्रतिवेदन तैयार किया,जिसमें मंडी की मूलभूत व्यवस्थाएं ना होने के साथ ही कर्मचारियों का समय पर ना पहुंचाना एवं मंडी के कार्यों में रुचि ना लेने को लेकर एक दिवस की वेतन राजसात करने का आदेश जारी कर प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंप दिया।
*सचिव सहित 11 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए...*
भार साधक अधिकारी के औचक निरीक्षण में मंडी शिवपुरी के 11 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए उनकी अनुपस्थिति के दौरान मंडी की सभी व्यवस्थाएं जैसे कि किसानों की उपज की बोली प्रवेश द्वार पर प्रवेश पर्ची काटने की गतिविधि, मंडी प्रांगण में तौल की व्यवस्था, अनुज्ञा पत्र भरने एवं गेट पास काटने आदि की गतिविधि पूरी तरह रुकी हुई पाई गई। यहां आपको बताना लाजिमी होगा की मंडी सचिव द्वारा इन सभी कार्यों के लिए मंडी के कर्मचारी की नामजद सूची लगवाई गई है ताकि मंडी के यह कार्य निर्बाध रुप से जारी रहे। पर इन सभी कार्यों में कर्मचारियों द्वारा कोई खास रुचि नहीं ली जा रही है।
व्यापारियों के साथ ली भारसाधक अधिकारी ने बैठक..।
भारसाधक अधिकारी उमेश कुमार कौरव ने पिपरसमा मंडी के व्यापारियों के साथ बैठक भी आहूत की। इस बैठक में उनकी सामान्य समस्याओं को समझने का प्रयास किया। जिसमें व्यापारियों द्वारा मंडी में कृषकों के लिए पेयजल की व्यवस्था न होने, जनरेटर की व्यवस्था न होने, तथा वाटर कूलर सुधरवाने के लिए निर्देश करवाने की बात कही जिस पर भारसाधक अधिकारी ने मंडी सचिव देवेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से यह काम कर सुनिश्चित करने की निर्देश दिए।
सचिव सहित 11 लोगों के खिलाफ सैलरी कटौती का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा..
पिपरसमा मंडी के भारसाधक अधिकारी ने जब देखा कि दिन के 12:00 बजे के समय मंडी में केवल कुल तीन कर्मचारी बोली लगाने का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य कर्मचारी एवं सचिव उपस्थित नहीं हैं। तब भार साधक अधिकारी ने मंडी सचिव सहित 11 लोगों के खिलाफ प्रकरण बना उचित कार्रवाई हेतु जिला दंडाधिकारी को प्रतिवेदन प्रेषित कर दिया। यहां बताना लाजिमी होगा कि पिछले लंबे समय से मंडी की व्यवस्थाएं अव्यवस्थित चल रही हैं जिसमें व्यापारियों से प्रॉपर रूप से टैक्स तक वसूला नहीं जा रहा है। नतीजा मंडी लंबे समय से घाटे में चल रही है।
सचिव ने भी अपनी सफाई में यह कहा..
हमसे जानकारी मांगे बगैर भार साधक अधिकारी ने 11 कर्मचारी की सैलरी काटने के आदेश गलत दिए हैं। ज्यादातर कर्मचारी अटैचमेंट पर बाहर हैं फिर सैलेरी डिडक्शन किस बात की, हमारे एक दो कर्मचारी ही तय समय पर उपलब्ध नहीं थे,इसके लिए हमने नोटिस दे दिया है बाकी जितने भी कर्मचारी एसडीएम महोदय ने सैलरी काटने के लिए लिखे हैं उनमें ज्यादातर कर्मचारी हमारे मंडी में काम ही नहीं कर रहे हैं।
मंडी सचिव देवेंद्र जादौन
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