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ऐ मेरे दोस्त तू क्यों है उदास..? 🙂‍↕️🙂‍↕️..मिलजुल कर लूटेंगे नगरपालिका और करेंगे अपना विकास..🥷🥷

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धन कुबेरों की लूट खसूट की करतूत अब नगर पालिका के ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप पर बनी चर्चा का विषय..
चर्चित समाचार एजेंसी।
।।शिवपुरी 16-12-24 समाचार।। नगर पालिका अपने कर्मकांडों से हमेशा विवादों में बनी रहती है कभी पानी को लेकर तो कभी साफ सफाई को लेकर कभी खरीदी को लेकर के तो कभी टेंडर को लेकर, कभी कचरा गाड़ी को लेकर तो कभी उनकी मरम्मत और डीजल को लेकर,कभी रोड़ों को लेकर तो कभी नाली को लेकर तो कभी कर्मचारियों की लड़ाई को लेकर। हाल ही में नगरपालिका के एक ARI ने नगर पालिका के दो अन्य ARI पर संस्था को आर्थिक क्षति पहुंचाने की शिकायत संस्थान के व्हाट्सएप ग्रुप पर की है। जिसमें सीएमओ को सूचित कर यह बताया गया है कि नगर पालिका में दो कर्मठ व्यक्ति एक आंडू दूसरा पांडू दोनों ने मिलकर मेरे वार्डों में स्तिथ पेट्रोल पंप,लॉज,होटल और स्कूलों को कागजों में अपने वार्डों में दिखाकर उनसे न सिर्फ पैसा वसूल कर रहे हैं। बल्कि उस पैसे को संस्थान के मद में जमा न करके बंदरबांट कर रहे हैं। इनके द्वारा जो कृत्य किया गया है उससे नगर पालिका शिवपुरी को लगभग 25 लाख रुपए से अधिक की हानि पहुंची है तथा यह सब देखकर मुझे काफ़ी तनाव है एवम पैरालायसिस अटैक होने की संभावना है। अतः ऐसे मक्कारों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
 *सीएमओ ने आवेदन मांगा फिर क्या हुआ पता नहीं..!! 
जब यह मामला सीएमओ तक पहुंचा तो नवागत सीएमओ ने झंडू को लिखित शिकायत करने की बात कही। उसके बाद क्या हुआ..?  यह मामला कहां तक पहुंचा..? इसका अभी तक कुछ भी पता नहीं।जबकि यह मामला  चार दिन पहले का है, और मामला गंभीर होकर इसीलिए भी  जांच का विषय हो जाता है कि अगर कोई ARI (धन कुबेर) दूसरे ARI (धन कुबेरों) पर नगर पालिका को लाखों रुपए की चपत लगाने का आरोप मढ रहा है तो वह मिथ्या नहीं हो सकता है। जरूर दाल में कुछ बड़ा ही काला है जो नगरपलिका के सभी कर्मचारियों को दिख रहा है पर शायद साहब को नहीं दिख पाया हो। कारण शायद साहब यहां नए हैं यह भी वजह हो सकती है.!!
 *दीदी के द्वारे पहुंची जब धन कुबेरों की करतूत.. तो वो बोलीं जानती हूं मैं तुम कितने हो सपूत..* 
यह मामला जब नगर पालिका अध्यक्ष (दीदी ) की दहलीज पर पहुंचा तो पहले वह हंसी फिर बोली..
पांडू तुम जो ऐसे होते संत तो काहे को जाते अंत....!!
पांडू अभी तो एक ही झंडू तुमको रुला रहा है...।
दूसरा लाइन में खडा है जो तुम्हारी करतूतों को दिखा रहा है...।।
तुम्हारी हरकतों से तुम कब बाज आओगे..।
खुद की तो पहले ही करवा चुके हो खाट खड़ी...।
अब क्या दूसरों की भी करवाओगे..??
याद करो कि तुमको एक पत्रकार ने खूब छकाया था...।
पूरी दम लगा ली थी तुमने फिर भी तुमको बाहर का ही रास्ता दिखलाया था..।।
बाहर होने के बाद तुम किस-किस दहलीज पर नहीं गए थे माथा रगड़ने..??
लौटकर पूरी तरह आए भी नहीं और फिर लगे तुम फड़कने..!!
पिछली बार तो तू बच सकता था कि अन्य जगह ज्वाइन कर आयेगा..।
और इस बार जो निपटा तो फिर बता तू कहां जायेगा..??
और तू बता आंडू....।
तू अभी हाल ही अस्पताल के बिस्तर से उठकर आया है..।
आते से देर न हुई तूने फिर से बबाल मचाया है..!!
क्या घर की दाल रोटी में मजा नहीं आ रहा है..??
जो बार-बार तेरा मन अस्पताल के दलिए के मचल जा रहा है..!!
सुनो अपना काम ईमानदारी से करो तो ही बच पाओगे..।
अगली बार साहब बचा भी लें तुमको पर मुझसे नहीं बच पाओगे...।।
लेखक:-वीरेन्द्र "चर्चित"
Mob.9977887813

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