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सिंधिया के रोड़ शो में कार्यकर्ता ने महिला पुलिस कर्मी से की अभद्रता वीडियो हुआ वायरल..

सिंधिया के रोड़ शो में कार्यकर्ता ने महिला पुलिस कर्मी से की अभद्रता वीडियो हुआ वायरल..

सिंधिया के रोड़ शो में कार्यकर्ता ने महिला पुलिस कर्मी से की अभद्रता वीडियो हुआ वायरल..
।।चर्चित समाचार एजेंसी।।
 ।।शिवपुरी समाचार 09/05/25।।
भाजपा की सरकारों में महिला की इज्जत की जाती है उनके पैर पखारे जाते हैं, मामा तो यही करता था फिर यह कौन हैं..? जो सरेराह महिलाओं की अस्मत को चौड़े में नीलाम करने का माद्दा रखते हैं..।
या तो ऐसे लोग भाजपाई ही नहीं....!!
या फिर भाजपा के ही हाथी दांत..
जो खाने के और दिखाने के और..।।
एक वीडियो है जिसमें महिला अधिकारी प्रोटोकॉल के तहत् वीआईपी नेता के रोड़ शो के दौरान सुरक्षा में लगी हैं, सुरक्षा करना इनका कर्तव्य भी है और दायित्व भी..। इसी बीच एक नेता जो माननीय का खासमख़ास दिखाता है, एवम दिखते रहने के लिए ऐसे प्रयास भी करता है कि जन चर्चाओं में बना रहे। प्रोटोकॉल के तहत् इसे रोकने पर महिला पुलिस कर्मी को सार्वजनिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी और पुलिस चुप रही। वहीं एक मामला और था जो पेपर की कटिंग के साथ संलग्न है, जिसमें उल्लेख है कि जब एक छोटी सी गलती पर एक महिला को कुछ बदमाशों द्वारा सरेराह भद्दी गालियां दीं गईं और उसके पति की सामूहिक पिटाई की गई..।
मामला फिजिकल थाने पहुंचा पुलिस ने हुंकार भरी और भरकर ठंडी हो गई। दोनों मामलों में पुलिस का अहम रोल है। पर पुलिस ने आजकल ट्रेंड बदल दिया है शायद..!! वह सिर्फ़ तभी एक्टिव होती है जब कोई आमजनता या कोई विषेश वर्ग सामूहिक रूप से एक्टिव हो जाता है, फलस्वरूप आवेदन, ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन और अनशन..।।
फिर बनाती है पुलिस अपना मन..।
आओ अपना कर्तव्य निभाएं.. जनता की चिल्लपों सुनें और अपने आकाओं को रिझाएं... ताकि बची रहे अपनी चेयर, तभी तो हो पाएगी अपनी और अपनों की केयर..।
जब पुलिस ही ऐसे मामलों में अक्षम है तो सोचो आम जनता के लिए ऐसे लोग कितने घातक...?
 माफ़ी चाहते हैं महाराज..
 ऐसे लोग आपके जरूर ख़ास हैं..
पर जनता में डर बना रहे ऐसा करते यह प्रयास हैं..!!
एक तरफ़ आप महिलाओं का उत्साह बड़ा रहे हैं,अपने हाथों से मिठाई खिला रहे हैं..।
और दूसरी तरफ़ आपके अपने ये क्या गुल खिला रहे हैं..??
क्या भूल गए कि आप, महारानी और युवराज गली गली भागे हैं, तभी तो अब भी आमजन की नज़र में सबसे आगे हैं..।

 चेहरा चमकाने के फेर में चमकाया महिला पुलिस कर्मी को..

इस सब के पीछे जो निचोड़ निकलकर आया है वह सिर्फ़ इतना सा है कि जो लोग आपके बाद कुछ भी नहीं करते जनता से जिनका नहीं कोई सरोकार ...।
बिना चोरी चकारी जिनका नहीं कोई व्यापार..।
उनका आपके ख़ास बने रहने का क्या है आधार..??
पुलिस वाले आपकी सुरक्षा में लगे हैं यह प्रोटोकॉल है तो आमजन चाहे वह कोई छोटा नेता ही सही को यही सुरक्षा गार्ड कैसे आपके समीप आने दें.? और कैसे विश्वास करें कौन कितना ख़ास है..??
यहां स्तिथि ऐसी थी कि हर वो नेता जो माननीय से ज़रा भी जुड़ा है वह अपना चेहरा चमका रहा है। वह चाहता है कि आपकी नज़र उस पर पड़े, आप उसकी तरफ़ देखें, वो ज़ोर से चिल्लाए... महाराज साहब जिंदाबाद... आप उसको निहारें, मुस्कुराएं,वो और ज़ोर चिल्लाए, तथा जनता और प्रशासन को भी दिखाए.. और बाद में अपना भय बनाए..।
दरअसल यह इतनी सी कहानी है जिसे आपको ब्रेक करने की दरकार है। हालांकि कठनाईयां आपके सामने हैं कि,
 घराती भी यही हैं और बाराती भी यही हैं..।
यानि कि आपके स्वागत का जनता में माहौल बनाने वाले भी यही और स्वागत के बाद जनता में स्वागत से खुद का माहौल 
बनाने वाले भी यही...।।
विषय चिंता और चिंतन दोनों का..!!!
 *वीरेन्द्र "चर्चित"*

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